मन्त्रहीनं क्रियाहीनं भक्तिहीनं कपीश्वर ओम् ऐं ह्रीं हनुमते रामदुते लंकविधवंसने अंजनी गर्भ सम्भुतय शकिनि डाकिनी विध्वंसनाय किलकिली बुबुकरेन विभीषण हनुमददेवय ओम ह्रीं ह्रीं हं फट् स्वाहा वातात्मजम् वानरयूथमुख्यम् श्रीरामदूतम् शरणम् प्रपद्ये॥ नासै रोग हरे सब पीरा, जपत निरंतर हनुमत बीरा Terrific hero, You happen to be as mighty as being https://wernerr753qyd9.blogspothub.com/34619112/hanuman-mantra-fundamentals-explained